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    एपिलेप्सी (मिर्गी) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने आयोजित किए विविध कार्यक्रम

    नई दिल्ली, 10 फरवरी: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने विश्व एपिलेप्सी दिवस के अवसर पर देशभर में विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य एपिलेप्सी (मिर्गी) से जुड़े मिथकों को दूर करना, इसके प्रभावी प्रबंधन और उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

    विभाग के राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान द्वारा एपिलेप्सी प्रबंधन और उपचार पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत विशेषज्ञों ने मिर्गी से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों को सही जानकारी प्रदान की, ताकि वे बेहतर उपचार और देखभाल सुनिश्चित कर सकें।

    राष्ट्रीय बहुदिव्यांगता सशक्तिकरण संस्थान द्वारा एपिलेप्सी के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए एक ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया जहां विशेषज्ञों ने इस संबंध पर अपने विचार रखे।

    इसके अलावा, समेकित क्षेत्रीय केंद्र गोरखपुर ने एपिलेप्सी पर जागरूकता एवं प्रबंधन विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया। इसी कड़ी में नेल्लोर, दावणगेरे, जयपुर और गुवाहाटी सहित अन्य कई राष्ट्रीय व समेकित क्षेत्रीय केंद्रों ने भी जन-जागरूकता अभियान चलाए। इन कार्यक्रमों के तहत एपिलेप्सी से पीड़ित रोगियों के अधिकार, उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार और सामाजिक समावेशन पर जोर दिया गया।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्वभर में लगभग 50 मिलियन लोग एपिलेप्सी से पीड़ित हैं, जिनमें से 80% निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं। यदि समय पर उचित निदान और उपचार किया जाए, तो लगभग 70% मरीज एपिलेप्सी के दौरे से मुक्त रह सकते हैं।

    दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का यह प्रयास समाज में एपिलेप्सी से जुड़ी भ्रांतियों को समाप्त करने और इससे प्रभावित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति व समावेशी दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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