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    सतर्कता

    सतर्कता प्रकोष्ठ – दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग

    दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में सतर्कता प्रकोष्ठ विभाग से संबंधित सभी सतर्कता मामलों तथा इसके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा सांविधिक कार्यालयों के ग्रुप ‘A’ अधिकारियों से संबंधित मामलों के निपटान के लिए नोडल अनुभाग है।

    इस प्रकोष्ठ का नेतृत्व संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा किया जाता है, जो विभाग के अंशकालिक मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) के रूप में कार्य करते हैं। विभाग के सतर्कता ढाँचे के अतिरिक्त, प्रत्येक स्वायत्त संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम आदि में भी स्वयं का सतर्कता तंत्र होता है, जिसका नेतृत्व संबंधित CVOs या सतर्कता अधिकारियों (VOs) द्वारा किया जाता है, जो विभाग के सतर्कता प्रकोष्ठ के साथ समन्वय स्थापित करते हैं।

    मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) के कार्य

    CVO के कार्य व्यापक हैं, जिनमें शामिल हैं:

    • प्राप्त सत्यापन योग्य आरोपों की जाँच करना या जाँच की व्यवस्था करना।
    • जाँच रिपोर्टों का प्रसंस्करण करना और केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) से सलाह लेना।
    • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के अंतर्गत अभियोजन स्वीकृति आदेश जारी करना, विशेषकर CBI मामलों में, जहाँ आवश्यक हो CVC से परामर्श लेना।
    • वार्षिक संपत्ति विवरणों के रखरखाव से संबंधित मामलों का प्रबंधन करना।
    • अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय ग्रुप ‘A’ सेवाओं तथा केंद्रीय सचिवालय सेवाओं के अधिकारियों द्वारा चल/अचल संपत्ति के अधिग्रहण एवं निपटान की समीक्षा करना।

    अन्य दायित्व

    सतर्कता प्रभाग विभाग तथा इसकी अधीनस्थ कार्यालयों में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के पालन को सुनिश्चित करने के लिए भी उत्तरदायी है।

    अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में सक्रिय प्रकटीकरण
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    अनुशासनात्मक कार्रवाई के संबंध में सक्रिय प्रकटीकरण 10/12/2025
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