दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने जनवरी, 2015 मेंसे संबंधित प्रौद्योगिकी, उत्पादों और मुद्दों पर अनुसंधान नमक एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना शुरू की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य `दिव्यांगता की रोकथाम और व्यापकता में अनुसंधान ` को बढ़ावा देना और स्वदेशी, उपयुक्त सहायक यंत्रों और उपकरणों के विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है । 2017-18 तक इस योजना को विभाग की स्टैंडअलोन योजना के रूप में लागू किया गया था। वर्ष 2019-20 से यह “दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए योजना (सिपडा ) का एक हिस्सा बन गया है।
2. अनुसंधान एवं विकास योजना के तहत, प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है । पीआईए/एनजीओ/सरकारी संगठन अपना प्रस्ताव सीधे विभाग को सौंप सकते हैं।