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    भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम

    भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) एक अनुसूची ‘सी’, मिनी-रत्न श्रेणी-II केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जो भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तत्वाधान में काम करता है। इसे 30.11.1972 को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8), उप-धारा 1 खंड (ए) के तहत धर्मार्थ उद्देश्यों के साथ तैयार की गई कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
    पिछले पांच दशकों से, एलिम्को साल दर साल बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाकर टर्नओवर में लगातार वृद्धि कर रहा है। पिछले पाँच दशकों से, एलिम्को साल दर साल बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को लाभ पहुंचाकर टर्नओवर में लगातार वृद्धि के लिए काम कर रहा है।
    निगम के मुख्य उद्देश्य हैं:-

    1. देश में जरूरतमंद व्यक्तियों विशेष रूप से दिव्यांगजन, सेना, अस्पतालों और ऐसे अन्य संस्थानों के लिए कृत्रिम अंगों और सहायक उपकरण और घटकों की उचित लागत पर उपलब्ध करवाना तथा सहायक उपकरणों के उपयोग, आपूर्ति व वितरण करना साथी ही नए उपकरणों को विकसित करना।
    2. कृत्रिम अंगों और सहायक उपकरणों व उनके घटकों के निर्माण हेतु सुविधाएं स्थापित करना, जिनका उपयोग सहायक उपकरणों के निर्माण के लिए किया जाता है।
    3. कृत्रिम अंगों और सहायक उपकरणों तथा उनके घटकों व अन्य संबंधित वस्तुओं के विनिर्माताओं, क्रेताओं, विक्रेताओं, आयातकों, निर्यातकों, डीलरों के व्यवसाय को बाल प्रदान करना जिससे सहायक उपकरणों का निर्माण सुविधाजनक रूप से किया सके।

    निगम ने 1976 में कृत्रिम सहायता और उपकरणों का निर्माण शुरू किया। वर्तमान में इसके पांच एलिम्को सहायक उत्पादन केंद्र (एएपीसी) हैं – भुवनेश्वर (उड़ीसा), जबलपुर (मध्य प्रदेश), बेंगलुरु (कर्नाटक), मोहाली (पंजाब) और उज्जैन (मध्य प्रदेश)। निगम की छठी सहायक उत्पादन इकाई फ़रीदाबाद (हरियाणा) में बन रही है जिसके जल्द ही चालू होने की उम्मीद है। उपरोक्त सहायक उत्पादन केंद्रों के अतिरिक्त निगम अपने दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और गुवाहाटी में स्थित पांच क्षेत्रीय विपणन केंद्रों के माध्यम से देश भर मे अपनी सेवा प्रदान करता है।
    उत्पाद श्रंखला:
    निगम निम्नलिखित श्रेणियों की दिव्यांगजन ताओं के लिए विभिन्न प्रकार की गुणवत्तापूर्ण सहायता और उपकरणों का उत्पादन और वितरण करता है: –

    • अस्थिबाधित (लोकोमोटर) दिव्यांगजन
    • दृष्टिबाधित
    • श्रवण बाधित
    • बौद्धिक रूप से दिव्यांगजन

    व्यावसायिक क्षेत्रों : –
    निगम भारत सरकार की प्रमुख एडीप योजना (दिव्यांगजन हेतु सहायक यंत्र व उपकरण प्रदत्त करने के लिए) और आर.वी.वाई (राष्ट्रीय वयोश्री योजना) के लिए एक नोडल एजेंसी है जहां दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिकों को योजना का लाभ प्रदान करने के लिए शिवरों को आयोजित करता है।
    उपरोक्त के अतिरिक्त, निगम देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रमुख कॉरपोरेट्स के सी. एस. आर व्यय के अंतर्गत सहायक उपकरणों का लाभ प्रदान करता है, डीलर नेटवर्क के माध्यम से और सीधे राज्य सरकारों से।
    उपलब्धियाँ:

    • विगत 9 वर्षों में माननीय प्रधान मंत्री के मुख्य आतिथ्य मे 5 मेगा वितरण शिविरों का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
    • एलिम्को /मंत्रालय के नाम 10 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किये।
    • भारत के माननीय राष्ट्रपति से उत्कृष्ट योगदान के लिए वर्ष 2011-12 के लिए SCOPE उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित।
    • भारत के माननीय राष्ट्रपति से संस्थागत श्रेणी के तहत वरिष्ठ नागरिकों के प्रति सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार ‘वयोश्रेष्ठ सम्मान-2019 ‘ प्राप्त हुआ।
    • वर्ष 2021 मे इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से लागत प्रबंधन-2019 में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (प्रथम स्थान) प्राप्त हुआ।

    आधुनिकीकरण:
    निगम की आधुनिकीकरण परियोजना के लिए स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) द्वारा 21.03.2018 को रु.338.04 करोड़ अनुमोदित किए गये, यह परियोजना पूर्ण होने के उन्नत चरण में है। आधुनिकीकरण के परिणाम स्वरूप निगम की उत्पादन क्षमता वर्तमान क्षमता से ढाई गुना तक बढ़ने की उम्मीद है

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