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    दिशानिर्देश

    1. दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करने संबंधी दिशानिर्देश (नया)
    2. विभिन्न दिव्यांगताओं के मूल्यांकन के संबंध में दिशानिर्देश और प्रमाणन की प्रक्रिया (नया)
    3. दिव्यांग और वृद्ध व्यक्तियों के लिए बाधारहित निर्मित परिवेश हेतु दिशानिर्देश और जगह मानक
    4. मिशन के रूप में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परियोजना की इसकी योजना के अंतर्गत दिव्यांग व्यरक्तियों के उपयुक्त सहायक उपकरण के विकास हेतु शोध प्रस्तांव दाखिल करने संबंधी दिशानिर्देश (-1)

    दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करने संबंधी दिशानिर्देश

    दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) नियमावली, 1996 में दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी करने के संबंध में व्याापक दिशानिर्देश उपलब्ध हैं। ये नियम यह निर्धारित करते हैं कि केन्द्रीय और राज्य सरकार द्वारा विधिवत गठित मेडिकल बोर्ड दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करेगा। मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र उस व्यक्ति को केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार द्वारा यथा लागू ऐसी शर्तों के अध्याधीन सरकारों अथवा गैर सरकारी संगठनों की स्कीमों के अंतर्गत उपलब्धक सुविधाओं, रियायतों और लाभों हेतु आवेदन करने का पात्र होगा।

    दिव्यांगता प्रमाण जारी करने की प्रक्रिया के सरलीकरण के प्रयोजन से सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देश इस प्रकार हैं : –

    1. प्रमाण पत्र जारी करने हेतु सप्ताह / माह / के दिन निश्चित होगा / होंगे।
    2. दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु तालुका / प्रखंड स्तार पर शिविर आयोजित किए जाने चाहिए।
    3. ग्रामीण विकास और गरीबी उन्मूरलन जैसे अन्य कार्यक्रम के शिविरों के साथ इस कार्यक्रम को संबद्ध किया जा सकता है।
    4. दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु विशिष्ट समय सारणी विहित की जा सकती है।
    5. यदि मेडिकल बोर्ड में मनोचिकि‍त्स  / नैदानिक मनोविज्ञानी / बाल चिकित्सीक की अनुपलब्ध्ता के कारण मानसिक रूप से मंद दिव्यांग व्यक्ति को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने में कठिनाई का सामना किया जा रहा हो, तो निजी क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित चिकित्स कों को मेडिकल बोर्ड में शामिल किया जा सकता है।
    6. दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए विकलांग व्यक्तियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।

    दिव्यांग छात्रों को विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने संबंधी दिशा निर्देश इस प्रकार हैं :-

    1. प्रमाण पत्र जारी करने की व्यपवस्था करने की जिम्मेेवारी स्कूल के प्रधानाध्यापक / प्रमुख अध्यापक की होगी।
    2. स्कूल प्राधिकारियों के लिखित अनुरोध पर, जिला मेडिकल बोर्ड को विकलांग छात्रों का मूल्यां कन करने हेतु स्कूल का दौरा करना चाहिए और अधिसूचित दिशानिर्देशों और प्रमाण पत्र प्रारूप के अनुसार प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए।
    3. यदि मेडिकल बोर्ड का यह मत है कि किसी छात्र विशेष की दिव्यांगता का मूल्यां कन जिला अस्पयताल में उपलब्ध उपकरण से कुछ परीक्षण करने के पश्चारत ही किया जा सकता है,तो स्कूल प्राधिकारी इस दौरे की व्यववस्थाे करेंगे। इस व्यरय का वहन राज्य सरकार / केन्द्र शासित प्रशासन के शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।
    4. दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिव्यांग छात्रों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
    5. यह प्रमाण पत्र दिव्यांग छात्र की स्कूल की पढ़ाई समाप्त होने के पूर्व विद्यालय विमुक्ति प्रमाण पत्र के साथ अथवा जब कभी भी आवश्यकता हो, जारी किया जाना चाहिए।

    विभिन्न दिव्यांगताओं के मूल्यांकन और प्रमाणन प्रक्रिया संबंधी दिशानिर्देश

    अस्थि दिव्यांगता, दृष्टिबाधिता, श्रवणबाधिता, मानसिक मंदता और बहुदिव्यांगता के मूल्यांकन हेतु सरकार ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यिक्षता में सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किए गए, दिशानिर्देश और प्रमाणन प्रक्रिया 1 जून 2001 की अधिसूचना संख्या 16-18/97-एनआई  के तहत अधिसूचित की है।

    इन दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि परिभाषाओं / वर्गीकरण / मूल्यांअकन परीक्षण इत्याादि की व्याख्या के संबंध में कोई विवाद या संदेह पैदा होता है तो स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यााण मंत्रालय का मत अंतिम होगा।

    इसलिए, विभिन्न दिव्यांगताओं के मूल्यांअकन और प्रमाणन प्रक्रिया के संबंध में यदि कोई समस्या खड़ी होती है तो स्वा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक को संपर्क किया जाना चाहिए।

    1. विभिन्न दिव्यांगतााओं के मूल्यांअकन और प्रमाणन प्रक्रिया संबंधी दिशानिर्देशों की अधिसूचना ।
    2. मानसिक मंदता, ऑर्थोपेडिक / लोकोमोटर दिव्यांगता, दृष्टि बाधिता और वाक् एवं श्रवण बाधिता के क्षेत्रों में गठित उप समिति के लिए आदेश (परिशिष्ट‍ – 1)।
    3. बहु दिव्यांगता के क्षेत्र में गठित उप समिति के लिए आदेश ।
    4. दिनांक 29.08.2000 को आयोजित, उप समिति के साथ डॉ. एस. पी. अग्रवाल, महानिदेशक (स्वास्थ्यं सेवाएं) की बैठक के प्रतिभागी।
    5. डॉ. एस.पी. अग्रवाल, महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं की अध्यगक्षता में उपसमिति के सदस्योंस के साथ दिनांक 17.08.2000 को आयोजित बैठक के प्रतिभागी।
    6. दिव्यांगता के वर्ग ।
    7. मानसिक रुग्णता के निर्धारण एवं मूल्यांकन हेतु दिशानिर्देश एवं प्रमाणन प्रक्रिया (शुद्धि पत्र)।
    8. मानसिक रूग्णता की समीक्षा करने के लिए समिति की बैठक का कार्यवृत्त ।
    9. भारतीय दिव्यांगता निर्धारण एवं मूल्यांकन पैमाना।
    10. मरीजों की गतिविधियों के मापन हेतु उपकरण ‘’आई डी ई ए एस’’ की नियम पुस्तिका।
    11. सरकारी लाभों हेतु मानसिक मंदता का प्रमाण पत्र प्रारूप।
    12. दिव्यांग व्याक्ति के लिए प्रमाण पत्र का प्रारूप।

    दिव्यांग और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए बाधारहित निर्मित परिवेश हेतु दिशानिर्देश एवं जगह मानक

    बाधारहित परिवेश विकलांग व्यंक्तियों को सुरक्षित और स्वतंत्रता से चलने फिरने, और निर्मित परिवेश के अंदर सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाते हैं। बाधारहित डिजाइन का लक्ष्यो एक ऐसा परिवेश उपलब्धा करना है जो व्यक्तियों को स्ववतंत्र रूप से कार्य कलाप करने में सहायता करता है ताकि वे दैनिक गतिविधियों में बिना किसी सहायता के भाग ले सकें। इसलिए, अधिक से अधिक जहॉं तक संभव हो, सार्वजनिक भवन / स्थावन / परिवहन प्रणालियां को बाधारहित बनाया जाना चाहिए। शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं।

    दिव्यांग और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए बाधारहित निर्मित परिवेश हेतु दिशानिर्देश एवं जगह मानक का संपूर्ण ब्यौरा, सीपीडब्यूलाडी, शहरी कार्य एवं नियोजन मंत्रालय की वेबसाइट पर देखें।