दिव्यांगजनों के लिए समावेशी शिक्षा और परीक्षा दिशानिर्देश
समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने और सुविधाजनक बनाने के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 (RPwD अधिनियम) की धारा 17 में परीक्षा प्रणाली में उपयुक्त संशोधन करने का प्रावधान है, ताकि दिव्यांग छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इन संशोधनों में लेखक/सहायक की सुविधा और उत्तर पुस्तिका पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय शामिल है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) के सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा लिखित परीक्षा से संबंधित उठाए गए मुद्दों की समीक्षा की, जहां तक यह दिव्यांगजनों से संबंधित था। समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार ने 29 अगस्त, 2018 को बेंचमार्क दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए संशोधित दिशानिर्देश जारी किए।
इसके बाद, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विकास कुमार बनाम UPSC एवं अन्य मामले में पारित आदेश के अनुपालन में एक अन्य कार्यालय ज्ञापन (OM) 10 अगस्त, 2022 को जारी किया गया। इन दिशानिर्देशों के अनुसार बेंचमार्क दिव्यांगता से कम वाले परीक्षार्थियों को भी लेखक/सहायता की सुविधा प्रदान की गई है, बशर्ते कि अधिकृत चिकित्सा प्राधिकरण द्वारा प्रमाणन किया गया हो। परीक्षार्थी अपनी पसंद का लेखक ला सकते हैं।
10 अगस्त, 2022 को जारी दिशानिर्देश 29 अगस्त, 2018 के दिशानिर्देशों से स्वतंत्र हैं। इसके अतिरिक्त, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT), भर्ती एजेंसियों, हितधारकों और अन्य से परामर्श प्रक्रिया जारी है, जो कि DoPT के नए कानून “लोक परीक्षाएं (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024” के आलोक में की जा रही है।