आईएसएलआरटीसी और आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन सोसाइटी ने भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
इस साझेदारी का उद्देश्य श्रवण बाधित अथवा अल्प श्रवण वाले छात्रों के लिए अधिक सुलभ और सहायक शिक्षण वातावरण बनाना है
भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) ने आज नई दिल्ली में आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन सोसाइटी (एडब्ल्यूईएस) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। हस्ताक्षर समारोह सचिव (दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग – डीईपीडब्ल्यूडी) श्री राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में हुआ।
इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य स्कूल प्रशासकों, छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित करना है, जिसमें आर्मी पब्लिक स्कूलों के शिक्षकों के बीच सांकेतिक भाषा संबंधी कौशल को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। समझौता ज्ञापन भारतीय सांकेतिक भाषा के क्षेत्र में सहयोग और विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसका उद्देश्य आईएसएल से जुड़ी पहलों की पहुंच और प्रभावकारिता को व्यापक बनाना और श्रवण बाधित समुदाय के सशक्तिकरण और समावेशन में योगदान देना है।
इस सहयोग से शैक्षिक इकोसिस्टम को महत्वपूर्ण लाभ मिलने, शिक्षकों को सशक्त बनाने और छात्रों के लिए समावेशी माहौल को बढ़ावा देने की उम्मीद की जा रही है। भारतीय सांकेतिक भाषा में आर्मी पब्लिक स्कूल के संकाय की क्षमताओं को बढ़ाकर, साझेदारी का उद्देश्य श्रवण बाधित या सुनने में कठिनाई वाले छात्रों के लिए एक ऐसा क्षण वातावरण बनाना है, जो उनके लिए अधिक सुलभ और सहायक हो।
निदेशक (आईएसएलआरटीसी) डॉ एन. होनारेड्डी और प्रबंध निदेशक (एडब्ल्यूईएस) मेजर जनरल पी.आर. मुरली ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और उसका आदान-प्रदान किया। एडब्ल्यूईएस में स्कूलों के निदेशक के.के. शर्मा, एडब्ल्यूईएस में समावेशी शिक्षा संकाय सुश्री मनीषा वर्मा और आईएसएलआरटीसी में सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक कुमार श्रीवास्तव भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।