दिव्यांगजनों के लिए एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाने और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र जारी करने के उद्देश्य से “दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशिष्ट आईडी” परियोजना लागू की जा रही है। इस परियोजना से न केवल पारदर्शिता, दक्षता और दिव्यांग व्यक्ति को सरकारी लाभ पहुंचाने में आसानी होगी, बल्कि इससे एकरूपता भी सुनिश्चित होगी। इस परियोजना से कार्यान्वयन के अनुक्रम के सभी स्तरों-ग्राम स्तर, ब्लॉक स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर लाभार्थी की भौतिक और वित्तीय प्रगति की ट्रैकिंग को सरल और कारगर बनाने में भी मदद मिलेगी ।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा शुरू की गई यूडीआईडी परियोजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्ति के लिए सार्वभौमिक पहचानपत्र और दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समग्र प्रत्यक्ष (एंड-टू-एंड) एकीकृत प्रणाली की स्थापना करना है। इसमें शामिल हैं –
- एक केंद्रीकृत वेब एप्लिकेशन के माध्यम से देश भर में दिव्यांगजनों के डेटा की ऑनलाइन उपलब्धता
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूनिवर्सल आईडी कार्ड के लिए ऑनलाइन भरना (फाइलिंग) और पंजीकरण आवेदन पत्र जमा करना; ऑफलाइन आवेदन भी स्वीकार किए जा सकते हैं जिसे बाद में एजेंसियों द्वारा डिजिटाइज्ड किया जाता है
- अस्पतालों/मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांगता के प्रतिशत की गणना के लिए त्वरित मूल्यांकन प्रक्रिया
- दिव्यांगजन के डेटा का दोहराव (नॉन डप्लिकेशन) न करना
- ऑनलाइन नवीनीकरण और दिव्यांगजनों द्वारा/उनकी ओर से जानकारी को अधतन करना।
- एमआईएस रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क
- दिव्यांगजनों के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए लाभों/योजनाओं की पारस्परिकता (इंटरऑपरेबिलिटी) सहित प्रभावी प्रबंधन
- भविष्य में होने वाली अतिरिक्त दिव्यांगताओं का ध्यान रखना। इस समय दिव्यांगताओं की संख्या इक्कीस है और इसमें नए अधिनियम/अधिसूचना के अध्यधीन वृद्धि की जा सकेगी ।
कार्ड तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल कार्यप्रवाह (वर्कफ्लो) तथा इसका उपयोग करने वाले प्रमुख उपयोगकर्ताओं का संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है :
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- दिव्यांगजनों को यूडीआईडी पोर्टल (https://www.swavlambancard.gov.in/)पर पंजीकरण कराना होता है। एक बार रजिस्टर्ड होने तथा लॉग इन पूरा होने के बाद वे दिव्यांगता प्रमाण पत्र और यूडीआईडी कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। वे अपने आवेदन की स्थिति को भी ट्रैक कर सकेंगे। वे दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड के नवीकरण के लिए अपना अनुरोध प्रस्तुत कर सकते हैं और अपना यूडीआईडी कार्ड खो जाने की स्थिति में दूसरे कार्ड के लिए भी अनुरोध कर सकते हैं। वे अपने संबंधित दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड की कापी भी डाउनलोड और प्रिंट कर सकते हैं। इसकी एक विशिष्ट विशेषता यह होगी कि इसके माध्यम से दिव्यांगजन दिव्यांगता के मूल्यांकन के लिए अपने सीएमओ कार्यालय/चिकित्सा प्राधिकरी का पता लगाने में समर्थ होंगे, इसके अलावा इसके माध्यम से वे सहायता प्राप्त करने के लिए जिला कल्याण अधिकारी और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे । साथ ही वे दिव्यांगजनों से संबंधित नवीनतम समाचार/घोषणाएं भी देख सकेंगे।
- दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकारी (सीएमओ कार्यालय/चिकित्सा प्राधिकारी) इस एप्लिकेशन का उपयोग दिव्यांगजनों के विवरण को रिकॉर्ड करने और इलेक्ट्रॉनिक रूप से दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड जारी करने के लिए करेंगे। सीएमओ कार्यालय/चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा दिव्यांगजनों से आवेदन प्राप्त किया जाएगा। आवश्यक सत्यापन के बाद दिव्यांगजनों को दिव्यांगता मूल्यांकन के लिए नामित विशेषज्ञ/मेडिकल बोर्ड के पास भेजा जाएगा और मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मूल्यांकन विवरण प्रस्तुत किया जाएगा और दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया जाएगा। दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड ऑटोमैटिंग प्रक्रिया से जारी करने की व्यवस्था से दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड जारी करने और इसके वितरण में लगने वाले समय में काफी कमी आएगी ।
- जिला कल्याण अधिकारी/जिला समाज कल्याण अधिकारी दिव्यांगजनों को आवेदन प्राप्त करने वाला काउंटर प्रदान करने, शिविरों में सुविधा प्रदान करने के माध्यम से दिव्यांगता प्रमाण पत्र/यूडीआईडी कार्ड प्राप्त करने में सहायता के लिए यूडीआईडी पोर्टल का उपयोग करेंगे । वेब पोर्टल से दिव्यांगजनों के लिए बनाई गई योजनाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने में भी सहायता मिलेगी ।
- जिला कलेक्टर यूडीआईडी परियोजना के कार्यान्वयन और इसकी प्रभावशीलता को मानीटर के लिए इस एप्लिकेशन का उपयोग करेंगे। वे यूडीआईडी पोर्टल से उत्पन्न कुछ बुनियादी रिपोर्टों/सारांशों का उपयोग करेंगे ।
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