दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा आज नई दिल्ली में वैश्विक सुगम्यता जागरूकता दिवस पर ‘समावेशी भारत शिखर सम्मेलन’ का आयोजन किया गया

मुख्य भाषण
मुख्य अतिथि श्री राजेश अग्रवाल, सचिव (DEPwD) ने कहा कि दिव्यांगजन के जीवन में समावेशन और पहुंच सुनिश्चित करना केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने जीवन, शिक्षा और आजीविका के तीन प्रमुख पहलुओं पर बल देते हुए कहा कि हर दिव्यांगजन को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार है।
शिक्षा के संदर्भ में उन्होंने समावेशी आधारभूत संरचना विकसित करने की आवश्यकता बताई ताकि दिव्यांग बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली में भेदभाव रहित रूप से शामिल हो सकें। उन्होंने विशेष विद्यालयों की भूमिका को स्वीकार करते हुए समावेशी विद्यालयों की प्रासंगिकता को और अधिक महत्वपूर्ण बताया।
आजीविका के विषय में श्री अग्रवाल ने दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने ऐसे कई उदाहरण साझा किए जहाँ दिव्यांग युवक-युवतियाँ विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया कि वे उन पर विश्वास करें और उन्हें अवसर प्रदान करें। उन्होंने कॉर्पोरेट क्षेत्र द्वारा दिव्यांगजनों को रोजगार देने के प्रयासों की सराहना की।
समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर
- आई फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन: इस समझौते का उद्देश्य सुलभ आधारभूत संरचना और परिवहन प्रणाली का विकास करना है। इसमें चेकलिस्ट, टूलकिट और सार्वजनिक भवनों में अनुपालन का ऑडिट और प्रमाणन हेतु ‘एक्सेसिबिलिटी इंडेक्स’ का निर्माण शामिल है।
- निपमैन फाउंडेशन और यंग लीडर्स फॉर एक्टिव सिटिजनशिप (YLAC): यह समझौता दिव्यांगजनों के अधिकारों के प्रति नवाचार और जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु है। इसके अंतर्गत हैकाथॉन, राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं और ईक्वल अपॉर्चुनिटी अवॉर्ड्स आयोजित किए जाएंगे।
- रैम्प माय सिटी फाउंडेशन: यह साझेदारी सार्वजनिक स्थलों जैसे स्वास्थ्य केंद्रों, पर्यटक स्थलों और सरकारी भवनों में बाधा मुक्त बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है।
तकनीक और पहुंच
शिखर सम्मेलन में सरवम एआई के सहयोग से विकसित एक वॉयस और व्हाट्सएप-आधारित एआई चैटबॉट का प्रदर्शन किया गया। यह चैटबॉट दिव्यांगजनों के लिए योजनाओं और पहलों से जुड़ी जानकारी को सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
विशिष्ट वक्ताओं के विचार
सुश्री मनमीत कौर नंदा, अतिरिक्त सचिव (DEPwD) ने कहा कि एक्सेसिबिलिटी एक अकेला प्रयास नहीं है बल्कि यह एक सामूहिक पहल है। उन्होंने यह भी कहा कि दिव्यांग समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित करना आवश्यक है।
श्री संजय प्रकाश, प्रबंध निदेशक, SBI फाउंडेशन ने कहा कि एक्सेसिबिलिटी केवल भौतिक ढांचे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का एक माध्यम है।
निष्कर्ष
यह शिखर सम्मेलन समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। सरकार और समाज के संयुक्त प्रयासों से यह एक सुलभ और समावेशी भविष्य की मजबूत नींव रखता है। इस कार्यक्रम में DEPwD के वरिष्ठ अधिकारी, NAB, APD, मिशन एक्सेसिबिलिटी, SBI फाउंडेशन और कई गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।