विश्व थैलेसीमिया दिवस 2025 पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने देशभर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए

द्वारा: पीआईबी दिल्ली
परिचय
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) द्वारा
8 मई 2025 को विश्व थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर देशभर में अपने अधीनस्थ राष्ट्रीय संस्थानों
और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (CRCs) के माध्यम से विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस वर्ष की थीम थी ‘थैलेसीमिया के लिए साथ मिलकर: समुदायों को जोड़ना, रोगियों को प्राथमिकता देना’।
यह दिन थैलेसीमिया जैसे गंभीर आनुवंशिक रक्त विकारों के बारे में जागरूकता फैलाने और प्रभावित लोगों को
समर्थन देने के लिए समर्पित है।
थैलेसीमिया के बारे में
थैलेसीमिया एक आनुवंशिक ऑटोसोमल रिसेसिव विकार है, जो माता-पिता में से एक या दोनों से विरासत में
मिलता है। यह हीमोग्लोबिन की अल्फा या बीटा ग्लोबिन चेन की कमी के कारण लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है,
जिससे रक्त कोशिकाओं का निर्माण और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है (एनीमिया)।
आयोजित जागरूकता कार्यक्रम
- नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर लोकोमोटर डिसेबिलिटीज (दिव्यांगजन), कोलकाता:
थैलेसीमिया के कारण, लक्षण, निदान, प्रबंधन और रोकथाम पर जन जागरूकता कार्यक्रम और वेबिनार आयोजित किया गया। - शारीरिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग (PMR), स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुनर्वास प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (SVNIRTAR), कटक:
विशेषज्ञों द्वारा थैलेसीमिया की गंभीरता, समय पर निदान, रोकथाम और प्रबंधन पर व्याख्यान दिए गए। - समग्र क्षेत्रीय केंद्र (CRC) जयपुर:
विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया,
जिसमें थैलेसीमिया और दिव्यांगजनों के लिए सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई। - CRC दावणगेरे:
एक विशेष वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों ने
थैलेसीमिया के नैदानिक पहलुओं, आनुवंशिक परामर्श और बहुविषयक देखभाल पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में 73 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें दिव्यांगजन, देखभालकर्ता और छात्र शामिल थे। - CRC नागपुर और CRC राजनांदगांव:
विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ एक वेबिनार आयोजित किया गया। साथ ही, रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से
CRC राजनांदगांव में स्वास्थ्य जांच और रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
निष्कर्ष
विभाग के अन्य राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों द्वारा भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता फैलाना, समय पर निदान को बढ़ावा देना और
प्रभावित व्यक्तियों व उनके परिवारों को सहयोग प्रदान करना था।