डॉ. वीरेंद्र कुमार ने दिव्यांगजनों को ठोस लाभ पहुंचाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग और विभिन्न स्टार्टअप्स, निजी संगठनों के बीच 72 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए
डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और रोजगार के लिए सरकार और विभिन्न संगठनों के बीच प्रभावी सहयोग अहम है
दिव्यांगजनों में अपार क्षमताएं हैं, उन्हें सिर्फ अवसरों की ज़रूरत है; उन्हें ये मंच प्रदान करने के लिए आज समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए: श्री बी. एल. वर्मा
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा दिव्यांगजनों को सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जारी कोशिशों के तहत, विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) ने निजी संस्थानों और स्टार्टअप्स के साथ 72 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने आज नई दिल्ली में मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता की। मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा ने भी अपनी उपस्थिति से इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
तकनीकी उन्नति के आज के युग में दिव्यांगों के जीवन को बेहतर बनाने और समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र में कई पहल की जा रही हैं और अत्याधुनिक उत्पाद विकसित किए जा रहे हैं। अप्रैल और मई 2024 में, विभाग ने 06 पर्पल टॉक्स सत्र/कार्यशालाएं आयोजित कीं। इन सत्रों में ऐसे भारतीय स्टार्ट-अप्स, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों और संगठनों के साथ जुड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिन्होंने दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए अभिनव, प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पाद और कार्यक्रम बनाए हैं। 100 से ज्यादा संगठनों ने इसमें हिस्सा लिया और दिव्यांगों के लिए शारीरिक दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, दृश्य बाधा, श्रवण बाधा और शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में अपने उत्पाद, नवाचार और प्रौद्योगिकियां प्रस्तुत कीं। नतीजतन, राष्ट्रीय संस्थानों और सीआरसी को इन स्टार्ट-अप्स और संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के निर्देश दिए गए ताकि विभाग का दायरा बढ़ाया जा सके और दिव्यांगों की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
इस अवसर पर डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सशक्तिकरण में लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विज़न के तहत कई संस्थान दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को आसान बनाने के लिए कम लागत पर देश के भीतर उपयोगी उपकरणों का निर्माण कर रहे हैं। दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण और रोजगार के लिए सरकारी प्रयासों के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। वे हमारे समाज का एक अनिवार्य हिस्सा हैं और उन्हें हमारे निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है। इस दिशा में सरकार और विभिन्न संगठनों के बीच प्रभावी सहयोग महत्वपूर्ण है। दिव्यांगता के क्षेत्र में यहां मौजूद संगठनों द्वारा किए गए काम बेहद सराहनीय हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारी सरकार और विभाग हमेशा ऐसे संगठनों के साथ काम करने के लिए उत्सुक रहे हैं जो सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास करते हैं और समावेशी माहौल बनाते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य मंत्री श्री बी. एल. वर्मा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आज हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन दिव्यांगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता दिखलाते हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में अपार क्षमताएं हैं, उन्हें केवल अवसरों की जरूरत है। काम करने की उनकी अदम्य इच्छाशक्ति आम जनता के लिए प्रेरणा का काम करती है। राष्ट्रीय संस्थानों और सीआरसी द्वारा विभिन्न संगठनों के साथ आज जो समझौता ज्ञापन किए गए हैं वे उन्हें ऐसा ही मंच प्रदान करेंगे।
सचिव (डीईपीडब्ल्यूडी) श्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि दिव्यांगों के प्रति समाज के नजरिए में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इस कार्यक्रम में उपस्थित कई निजी संस्थान दिव्यांगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं, जो सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा कि सरकार जहां बेहतरीन नीतियां बना रही है, वहीं निजी संगठनों के साथ मिलकर प्रयासों को बढ़ाने में भी मदद कर रही है।
ये समझौता ज्ञापन दिव्यांगों के परिवारों को सशक्त बनाने, दिव्यांगता के बारे में जागरूकता बढ़ाने, क्लबफुट की रोकथाम और उपचार करने और प्रशिक्षकों, शिक्षकों के क्षमता निर्माण के उद्देश्य से अभिनव, प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पादों के सृजन को बढ़ावा देंगे। इस कार्यक्रम में ज़ोमैटो, आईआईटी मद्रास, इनएबल इंडिया, नियो मोशन, क्योर इंडिया, असम राइफल्स और रेडियो उड़ान सहित देश भर की विभिन्न कंपनियों और स्टार्ट-अप्स ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक और प्रतिभागी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।